परम् कृष्णभक्त, अपरिग्रही, शास्त्रकुशल और नीतिविद् के रूप में विदुर महाभारत के एक ऐसे पात्र हैं, जो कथा को प्रवाह न देकर भी इस इतिहास ग्रन्थ के लिए अपरिहार्य हैं। पूरी महाभारत में विदुर नितान्त निष्प…
स्वामी विवेकानंद जी के बारे में देश – विदेश में फैली हुई थी। एक बार कि बात है। विवेकानंद जी समारोह के लिए विदेश गए थे। और उनके समारोह में बहुत से विदेशी लोग आये हुए थे ! उनके द्वारा दिए गए स्पीच से …
एक बार स्वामी विवेकानंद जी अपने आश्रम में सो रहे थे। कि तभी एक व्यक्ति उनके पास आया जो कि बहुत दुखी था और आते ही स्वामी विवेकानंद जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला महाराज मैं अपने जीवन में खूब मेहनत क…
भारत देश में बहुत सी युद्ध कलाएँ है ,जो प्राचीनकाल से चली आ रही है| जो उस समय बहुत लोकप्रिय हुआ करती थी। इनमे से बहुत सी युद्ध कलाएँ कही विलुप्त सी हो गई है और कुछ ने अपना स्वरूप बदल लिया है ,और एक…
इन 4 को धन सौंपने पर हो सकता है सर्वनाश - विदुर नीति महात्मा विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है। यही वजह थी कि कौरवों के साथ रहकर भी उन्हें ईर्ष्या, द्वेष और छल-कपट कभी छू भी नहीं पाए। उन्ह…
बहुत समय पहले की बात है. एक गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था. उसकी ज़िंदगी में बहुत ख़ुशहाल थी. उसके पास भगवान का दिया सब कुछ था. एक सुंदर-सुशील पत्नी, होशियार बच्चे, खेत-ज़मीन-प…
जानिये भीम पौत्र और घटोत्कक्ष पुत्र वीर बारविक कैसे बने खाटू श्याम जब घटोत्कच की मृत्यु हो गई तो पांडवों की सेना में शोक छा गया, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न हो गए। अर्जुन ने जब इसका कारण पूछा तो…
एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करती थी…
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