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आत्मरक्षा का क्या है? - Self Defense

धर्म के अनुसार आत्मरक्षा -


हिन्दू देवी देवताओं के हाथ में भी शस्त्र ये बताने के लिए होते है की आप कितने भी अच्छे इंसान बने रहे लेकिन आपकोहमेशा वामपंथियों, नीच (नीच का अर्थ जाति से नहीं कर्म से) और मलेच्छियों आदि से स्वयं के परिवार की और धर्म की रक्षा के लिए (सेल्फ डिफेन्स) हथियार अवश्य ही धारण करने चाहिए। इन पर हमले करने के लिए नहीं बल्कि अपनी आत्मरक्षा के लिए। 

इस धरती से सभी हिंसक जानवरो को ख़त्म नहीं किया सकता क्युकी इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है। हमारी प्रकृति देवता और राक्षस सभी का पालन करती है। जंगल सबका होता है शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के जीवो का। 

ठीक वैसे ही जैसे जंगल में अगर हिंसक जानवर आपको  मिल जाये तो आप उसको श्लोक अर्थात ज्ञान से नहीं मार सकते। हर किसी के लिए भगवान् अवतार नहीं ले सकते क्युकी भगवान सिर्फ कर्म करने वालो का साथ देते है डरपोक या नपुंसको का नहीं। क्युकी जो मनुष्य आत्मरक्षा नहीं कर सकता अर्थात अपने धर्म  की रक्षा नहीं कर सकता उसके लिए भगवान् क्यों अवतार लेंगे, लेकिन अगर आप अपनी आत्मरक्षा के लिए उठाते है तो हो सकता है भगवान् आपको इतनी शक्ति दे की आप अकेले ही हज़ारो लोगो पर भारी पड़ जाए। 

आपको शस्त्रों के द्वारा अपने शरीर की रक्षा करनी है जब आपका शरीर ठीक होगा तो धर्म भी सुरक्षित होगा। शरीर ख़त्म तो समझो एक धर्म ख़त्म। इसलिए धर्म को ख़त्म करने के लिए ज्यादातर सम्प्रदाय चुपके से आपको भड़काकर आपका धर्म बदलवाते है। क्युकी जैसे ही आपका धर्म बदला आप विधर्मियो की सेना में शामिल हो जाते है। जहाँ आपको इनाम के तौर पर लूट का माल, बलात्कार करने को औरते, किसी का भी घर जलाने की आज़ादी, आदि छूट मिल जाती है। क्युकी अधर्मी कुछ भी कर सकता है। 

सबसे पहले आप अपना शरीर फिर धर्म बचाकर रखे और उसका प्रचार करे। आपके पास ज्ञान इतना होना चाहिए की वामपंथियों की हर अंट-शंट बात का जवाब पता हो लेकिन उनको जवाब देकर उनको भाव न दे सिर्फ मुस्कराकर उसे मुर्ख समझ कर निकल जाए। क्युकी पागल कुत्ते को छेड़ने से सिर्फ वो काटता ही है। 

लेकिन बिना छेड़े भी अगर सामने वाला आप पर हमला करे तो आपको आत्मरक्षा जरूर आनी चाहिए, साथ ही साथ अपने पडोसी की भी रक्षा करे, क्युकी हो सकता है एक दिन वो भी आपकी रक्षा करे। अगर आप अपनी रक्षा नहीं कर सकते तो किसी न किसी दंगे में आपका घर जला दिया जायेगा। आपका परिवार नष्ट कर दिया जायेगा और आप रोकर रह जायेगे। जैसा की अभी बंगाल और पाकिस्तान में हिन्दू रो रहे है। क्युकी वो अपना धर्म भूल चुके है। शायद सिर्फ नाम के सनातनी है। 

किसी भी तरह की स्थिति और परिस्थिति हो आपको आत्मरक्षा अवश्य आनी चाहिए। इसलिए हमारे देवी देवता के कुछ हाथो में शस्त्र और कुछ हाथो में शास्त्र होते है।  ताकि इस बात को आप किसी भी परिस्थिति में भूले नहीं की आपके आस पास हिंसक और नरभक्षी मनुष्य भी रहते है। 

और आत्म रक्षा करना आपका अपना सबसे पहला धर्म है, मौलिक अधिकार है ।  क्युकी आपकी और आपके धर्म की रक्षा आप स्वयं करेंगे। ये आपका दायित्व है। 

आत्मरक्षा का क्या है? कैसे बचे? - Right to Self Defence


भारत के कानून के अनुसार आत्मरक्षा (Right of self-defense) -

भारत के कानून के अनुसार भी आत्मरक्षा (Right of self-defense) मान्य है। इसमें आप दोषी साबित नहीं होंगे।  आत्मरक्षा एक ऐसा अधिकार है जो सिर्फ कानूनी ही नही बल्कि मौलिक अधिकार भी है आत्मरक्षा कानून (self defense law) जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 मे मिले जीवन के अधिकार तहत आता है  भारतीय दण्ड संहिता की धारा 96 से 106 तक कि धारा में सभी व्यक्तियों को आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है

Self-defense (आत्मरक्षा) की परिस्थितिया निम्न प्रकार से होती है

  • म्रत्यु की आशंका
  • गंभीर चोट
  • एसिड हमला
  • अपहरण
  • जान का खतरा 
  • बलात्कार
  • अप्राकृतिक दुष्कर्म

इसलिए आप शूद्र, बनिया, ब्राह्मण या क्षत्रिय जो भी हो आपको आत्मरक्षा के उपाय (आत्मरक्षा प्रशिक्षण) सीखना अत्यंत आवश्यक है। क्युकी आपने देखा होगा मलेच्छो की भीड़ कभी भी एकत्रित होकर आप पर हमला कर सकती है। उस समय आप स्वयं अपनी  अर्थात आत्मा की और अपने धर्म अर्थात कर्तव्यों की रक्षा करे। 

अगर आप अपना घर जलाने से नहीं बचा पाए तो समझो कही न कही आपकी गलती है। 

क्युकी आपके पास कुछ ऑप्शन होंगे जिन्हे सिर्फ कुछ पल में चुनना होगा। 

जैसे की अगर - उन्मादी भीड़ आपके या आपके पडोसी का घर जलाने के लिए आगे बढे तो आप क्या करेंगे -

१ - परिवार को छोड़कर जान बचाकर भाग जायेगे 
२ - परिवार को साथ लेकर बिना पड़ोसियो के भाग जायेगे। 
३ - आप अपनी और अपने परिवार की आत्मरक्षा करेंगे। 
४ - पड़ोसियों की रक्षा हेतु अपने परिवार सहित खुद की और उनकी आत्मरक्षा करेंगे। 

आपको जो चुनना है उसे कमेंट में जरूर लिखे। 

नोट - यहाँ आत्म रक्षा के बारे में जो सदियों से चला आ रहा है उस प्रकार का निबंध नहीं लिखा। क्युकी आज 2021 में दुनियां में हिन्दुओं की स्थिति को ध्यान में रखकर आत्मरक्षा की परिभाषा को अपग्रेड करने की आवश्यकता थी। किसी को बुरा लगा हो तो कमेंट में बता सकता है सुधार किया जा सकता है। 

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