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एकाग्रता क्या है? - Ekagrata - Concentration

अगर  आप जीवन में सफल होना चाहते है तो एकाग्रता को समझाना अति आवश्यक है। एकाग्र व्यक्ति ही अपने लक्ष्य पर पहुँचता है। एकाग्रता सीख हमें वक् नाम के पक्षी से लेना चाहिए वो अपने लक्ष्य को इतनी एकाग्रता से लक्ष्य करता है की असंभव कार्य भी संभव कर लेता है। ये बिलकुल वैसे ही है जैसे जल में तैरती हुयी मछली को हाथ से पकड़ना। 

एकाग्रता अर्थ या एकाग्रता in English में Concentration कहते है। मन में अन्य विषय के प्रति विचार होने पर वह एकाग्रता को नष्ट कर देता है।  अगर आप एकाग्रता का अभ्यास करना चाहते है तो बड़ा आसान है। बस आपको उस विषय पर रूचि को बनाये रखना है। एकाग्रता की कमी के लक्षण ज्यादा आपको ढूढ़ने की आवश्यकता नहीं क्युकी जब आप अपने कार्यो में सफल नहीं होते वह उसका सबसे बड़ा लक्षण है। 

चलिए इसे समझने के लिए एक छोटी सी कहानी कहता हु। -

एक बार एक रामधन नाम का व्यक्ति कुए से पानी भर रहा था।  उसने घड़े को रस्सी से बांधकर कुए में डाला तो वह इधर उधर भागने लगा । 
लेकिन घड़ा पानी  में डूब ही नहीं रहा था, तो पानी कैसे भरता। 
इतने में एक पथिक उसी रस्ते से गुजरा और उसने रामधन से पूछा। 
अरे भाई ! क्या अमुक पंडित जी का घर इसी गांव में है?
लेकिन रामधन अपनी उहा-पोह में लगा हुआ था। 
उस पथिक ने बार बार कई प्रश्न किये लेकिन रामधन अपने कार्य में ही लगे रहे। उसने सोचा शायद इसे सुनाई नहीं देता है।  और वह आगे चल पड़ा। 
इतनी देर में रामधन का घड़ा भर गया और उसने जल्दी खींच लिया। 
पानी खींचने के बाद  उसने चिल्लाकर पथिक को आवाज़ दी। 
ओ भैया ! अरे ओ महाशय ! 
आप क्या पूछ रहे थे? मेने सुना नहीं। 
पथिक लौटकर वापस आया। 
उसने बोला, अरे! आप तो सुन सकते है?
 फिर जो मेने कहा था तो उसे क्या सुनकर भी अनजान बन रहे थे?
क्षमा करना पथिक में घड़ा भरने में एकाग्र था तो कान होते हुए भी कुछ भी सुनाई ही नहीं दिया। इतना समझ में  तो आया था कि कोई आवाज़ दे रहा है। लेकिन चित्त को तोडना उचित न लगा क्युकी में अपने इस घड़े को में बड़ी मुश्किल से पानी की तरफ झुका पाया था। 

एकाग्रता in English में Concentration कहते है। मन में अन्य विषय के प्रति विचार होने पर वह एकाग्रता को नष्ट कर देता है।  अगर आप एकाग्रता का अभ्यास करना चाहते है तो बड़ा आसान है। बस आपको उस विषय पर रूचि को बनाये रखना है। एकाग्रता की कमी के लक्षण ज्यादा आपको ढूढ़ने की आवश्यकता नहीं क्युकी जब आप अपने कार्यो में सफल नहीं होते वह उसका सबसे बड़ा लक्षण है।

तो इस कहानी से आपको क्या समझ में आया। तो आपको बता दे रामधन का मन इतना एकाग्र था कि उसे पथिक की बातें सुनाई नहीं दी। इस एकाग्रता का लाभ उसको ये मिला की उसका काम संपन्न हो गया। 

इसलिए हम जीवन में जो भी कार्य वास्तव में संपन्न करना चाहते है तो मन इस प्रकार एकाग्र रखना होगा की सिर्फ लक्ष्य ही दिखाई दे।  बस यही एकाग्रता हमें जीवन में रखनी है। पढ़ते समय कोई पुकारे तो आपको सुनाई नहीं देना चाहिए। 

एकाग्रता क्या है?

एकाग्रता की परिभाषा - 

एकाग्रता का अर्थ है किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपने सिर्फ लक्ष्य पर ही ध्यान केन्द्रित करना।  एकाग्रता शब्द तो बना ही एकाग्र के भाव से है। एकाग्र के भाव से अर्थ है एक ही विषय में ध्यान लगाना। मन को किसी भी स्थिति में शांत रखना। 

एकाग्रता वो स्थिति होती है जो किसी मनुष्य के अन्दर की शक्तियां जागृत कर देती है। जिसे आजकल लोग Law of Attraction भी कहते है। हालाँकि Law of Attraction का  अर्थ एकाग्रता बिलकुल भी नहीं है। 

इसे समझने के लिए आपको भगवान् श्री कृष्ण का श्रीमद भगवत गीता में अर्जुन को बताये गए  निष्काम कर्म सिद्धांत को समझना होगा या आप संत विवेकानंद का कर्मयोग भी पढ़ या सुन सकते है. 

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