गाय और भैंस में के दूध में क्या अंतर होता है? आज हम ये जानेगे। इसलिए प्रत्येक हिन्दू को गाय पालनी चाहिए और दूध का सेवन करना चाहिए। गाय पालने वाले घरो में गृह क्लेश कम होता है। बच्चे माता पिता की सेवा करते है। माता पिता भी बच्चो के प्रति भेदभाव नहीं करते है। भैंस का दूध पीने के नुकसान और गाय के दूध का फायदा जानेगे। जानते है कुछ आश्चर्यजनक जानकारियां।
What is the difference between cow milk and buffalo milk?
गाय पालने वाले लोग हर समस्या का डटकर सामना करते है। अर्थात निडर होते है। जबकि भैंस का दूध पीने वाले लोग डरपोक होते है दंगा होने कि स्थिति में आत्म रक्षा भी नहीं कर सकते। छोटे छोटे स्वार्थ के कारण धर्म बदल लेते है। इस बात की पुष्टि इन 10 अंतर को पढ़ कर सकते है।
गाय और भैंस में 10 अंतर -
1. भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नहीं बचायेगी, जबकि गाय के बच्चे के पास अनजान आदमी तो क्या शेर भी आ जाये तो जान दे देगी परन्तु जीते जी बच्चे पर आंच नही आने देगी.
2. भैंस गन्दगी पसन्द है, कीचड़ में लथपथ रहेगी पर गाय अपने गोबर पर भी नहीं बैठेगी वह स्वच्छता प्रिय है.
3. भैंस को घर से 2 किमी दूर तालाब में छोड़कर आ जाओ वह घर नहीं आ सकती उसकी यादास्त जीरो है.
4.गाय को घर से 5 किमी दूर छोड़ दो वह घर का रास्ता जानती है, आ जायेगी. गाय के दूध में स्मृति तेज है.
5. दस भैंस बान्धकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो, एक भी बच्चा अपनी मां को नहीं पहचान सकता.
जबकि गोशालाओं में दिन भर गाय व बच्चे अलग-अलग शैड में रखते हैं, सायंकाल जब सबका मिलन होता है तो सभी बच्चे (हजारों की स॔ख्या में) अपनी अपनी मां को पहचान कर दूध पीते हैं.
6. जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है परन्तु गाय थोड़ा सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है, और जब उसके बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढाये दूध को उतार देती है.
7. गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी.
8. भैंस धूप और गर्मी सहन नहीं कर सकती जबकि गाय मई जून में भी धूप में बैठ सकती है.
9. भैंस का दूध तामसिक होता है जबकि गाय का दूध सात्विक होता है.भैंस का दूध आलस्य भरा होता है, उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे अफीम या भांग खाकर पड़ा है.
10. जब दूध निकालने का समय होगा तो भैंस के बच्चे को मालिक ठोकरें मारकर उठायेगा परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नही पायेंगे ठीक से.
आनन्दकन्द, मदनमोहन भगवान् श्रीकृष्ण की तो सदा से बस एक ही कामना रही !
गावो मे अग्रतः सन्तु गावो मे सन्तु पृष्ठतः।
गावो मे सर्वतः सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ।। '
अर्थात् गायें मेरे आगे हों, मेरे पीछे हों, गायें मेरे सब ओर हों, मैं गायों के मध्य वास करूँ।'
1 टिप्पणियाँ
yahe satya hai hamne bachpan se khud anubhav kiyaa hai
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