बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का अर्थ -
बिल्ली के गले में घंटी बांधना मुहावरे का अर्थ है की असंवभ कार्य कौन करेगा। यहाँ बिल्ली के गली में घंटी बांधना मतलब असम्भव कार्य करना है।
बिल्ली के गले में घंटी कहानी -
एक घर में बहुत सारे चूहे रहते थे। सब आराम से जीवन यापन कर रहे थे क्युकी वहां खाने पीने का गोदाम भी था। घर का मालिक इन चूहों से परेशान था तो उसने एक बिल्ली को पाल लिया। बिल्ली रॉब में आकर पूरे घर में घूमती। क्युकी उसे लगता था की घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसकी है कभी वह इधर से निकलती तो कभी उधर से।
बिल्ली के घर में आते है सभी चूहे बहुत परेशान हो गए क्युकी बिल्ली अब छुपकर एक एक करके सबको खाने लगी थी। जब भी उसे भूख लगती, तो बिल्ली अंधेरे में जाकर छिप जाती थी। जब चूहे बाहर निकलते, तो बिल्ली उन पर झपटा मारकर खा जाती थी।
ऐसा हर रोज होने लगा। धीरे-धीरे चूहों की संख्या कम होने लगी थी। अब चूहों में दहशत फैल गई थी।
अब इस समस्या का हल निकालने के लिए सभी चूहों ने एक सभा बुलाई। सभा में सभी चूहे मौजूद थे। सभी ने कई सुझाव दिए, ताकि बिल्ली के आतंक को रोका जा सके और उसका शिकार बनने से चूहे बचे रहें। किसी का सुझाव ऐसा नहीं था, जिससे बिल्ली का आंतक रोका जा सके। सभी चूहे बैठे ही थे कि अचानक से एक बूढ़े चूहे ने सुझाव दिया।
बूढ़े चूहे ने कहा कि हम बिल्ली से बच सकते हैं, लेकिन उसके लिए एक घंटी और धागे की जरूरत पड़ेगी। बूढ़े चूहे ने कहा कि हम बिल्ली के गले में घंटी बांध देंगे और जब वह आएगी, तो चाहे दिन हो या रात, हमें घंटी बजने से हमें खतरे के बारे में पता चल जाएगा। खतरा जानने के बाद हम लोग भाग कर अपनी बिल में छिप जाएंगे। इससे हम लोग बिल्ली का शिकार बनने से बचे रह सकते हैं।
तभी सभी चूहे खुशी से झूमने लगे। सबने नाचना गाना शुरू कर दिया और खुश होने लगे कि अब तो वह बिल्ली के खतरे से भी बचे रहेंगे और सभी का पेट भी भरता रहेगा । सभी चूहे खुशियां मना ही रहे थे कि अचानक से एक नौजवान चूहा उठ खड़ा हुआ।
"ठहरिये ! आप सभी का विचार तो बहुत अच्छा है, किन्तु एक बात समझ में नहीं आयी? कि इस बिल्ली के गले में घंटी कौन बाँधेगा?"
इतना सुनते ही सभा में सन्नाटा छा गया। सभी चूहे एक दूसरे की तरफ आशा से देखने लगे की तू बंधेगा या वो बांधेगा।
सभी चूहे निराश हो गए। और इसी बीच बिल्ले के आने की आहट पाते ही सभी चूहे भागकर अपने-अपने बिल में जाकर छिप गए।
(Billi ke gale mein Ghanti Story) कहानी से सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सिर्फ योजना बना लेने भर से ही आप कामयाब नहीं हो जाते। उस योजना को लागू करने के बारे में भी सोचना चाहिए। उससे पहले जश्न मनाना बेकार है।
इसी कहानी के तहत "बिल्ली के गले में घंटी बांधना “ कहावत प्रचलित हो गई जिसका अर्थ है की योजना तो बना ली लेकिन इसे पूरा करने के लिए आगे कौन हिम्मत दिखायेगा।
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