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आत्मविश्वास क्या है? Self-Confidence

एक बार, एक सिंह का एक बच्चा भटककर अपने माता-पिता से अलग हो गया। रोता-गुर्राता जंगल में इधर-उधर घूमने लगा। संयोगवश उसी समय एक भेड़ चरती हुई उधर से आ निकली। उसे शेर के बच्चे पर दया आ गई और वह उसे लाकर अपने बच्चों के साथ पालने और दूध पिलाने लगी। वह भेड़ के बच्चों की तरह डरता और भागता। इस प्रकार वह कुछ बड़ा हो गया।

एक दिन एक शेर ने, भेड़ों में शेर के बच्चे को देखा। 
शेर ने उससे कहा - अरे, तू शेर का बच्चा होकर भेड़ों के साथ क्‍यों रहता है ? उत्तर मिला-मैं शेर का बच्चा नहीं, भेड़ का बच्चा हूँ। 

शेर ने समझाया - अरे ! तुझे अपने में छिपी शक्ति का पता नहीं, इसलिए तू स्वयं को भेड़ जैसा कमजोर समझ बैठा है। शेर होकर यह दुर्बलता और कायरता तुझे शोभा नहीं देती। तू अपने असली स्वरूप को पहचान, तो तू अनुभव करेगा कि तुझ में असीम शक्ति छिपी पड़ी है। शेर के बच्चे को फिर भी विश्वास न आया। 

अब शेर ने सोचकर कहा - अब मैं समझा, तेरी आत्मा सो चुकी है। अपनी शक्ति पर तेरा विश्वास मर चुका है। आत्मविश्वास के अभाव के कारण ही तू अपने को दीन-हीन समझ बैठा है। उठ, नदी के किनारे चल और पानी में अपनी परछाई देखकर पहचान कि क्‍या तेरा स्वरूप शेर जैसा है या भेड़ जैसा।

बस, ज्यों ही उस शेर के बच्चे ने पानी में अपने असली स्वरूप को पहचाना और उसे पता चला कि वह शेर है, त्यों ही उसका आत्मविश्वास लौट आया। उसे अपने शरीर में
असीम शक्ति का अनुभव हुआ। 

एक क्षण पहले जो भेड़ों के साथ मिमियाता और डरता-छिपता फिरता था, अगले ही क्षण वह वीर और बलवान सिंह बन गया। उसने जोर का सिंहनाद किया और दहाड़ता हुआ हाथियों के एक झुंड पर टूट पड़ा।
यह आत्मविश्वास का बल है। जिसका आत्मविश्वास सो जाता है, वह भेड़ बन जाता है


कहानी का सार -

यह आत्मविश्वास का बल है। जिसका आत्मविश्वास सो जाता है, वह भेड़ बन जाता है। जो अपने-आपको दीन-हीन, दुर्बल, बुद्धू और निकम्मा व बेकार समझ लेता है, वह सचमुच मिट्टी का माधो सिद्ध होता है। किन्तु यदि वह अपने अन्दर सोई हुई शक्ति को पहचान ले तो एक दिन ही नहीं, एक क्षण में ही वह अजेय वीर बन सकता है।

इसलिए विश्वास रखो कि तुम अपने से जितनी सफलता की आशा करते हो, उतनी ही तुम्हें मिलेगी। 




FAQs -

आत्मविश्वास से आप क्या समझते हैं?

जब किसी के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी होती है तो वहां नकारात्मक ऊर्जा जगह बना लेती है। नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के आत्मविश्वास को भक्षण करके अपना प्रभाव बढाती रहती है। इसलिए सकरात्मक या आध्यात्मिक कार्य करने चाहिए। आप चाहे तो मंदिर या तीर्थो का भ्रमण कर सकते है। 

आत्मविश्वास की कमी में क्या करें?

सकरात्मक ऊर्जा के बढ़ने से व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा होता है, व्यक्ति स्वयं में विश्वास करता है, और दुसरो पर भी। 

आत्मविश्वास कहां से आता है?

आत्मविश्वास, सकारात्मक बातावरण में रहने से आता है। 

आत्म विश्वास कब बढ़ता है?

आध्यात्मिक कार्य करने से, स्वयं की क्षमता या शक्ति का अनुभव करने से आत्म विश्वास बढ़ता है। 

आत्मविश्वास को मजबूत कैसे करें?

आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए योग, और भगवान् की माला जप सबसे अच्छा तरीका है। 

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