इन 4 को धन सौंपने पर हो सकता है सर्वनाश - विदुर नीति
महात्मा विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है। यही वजह थी कि कौरवों के साथ रहकर भी उन्हें ईर्ष्या, द्वेष और छल-कपट कभी छू भी नहीं पाए। उन्होंने अपनी नीतियों के जरिए महाभारत युद्ध को रोकने का भी प्रयास किया था। उनकी नीतियों से चाणक्य की नीतियों की ही तरह जीवन जीने के तरीके और जीवन का सार समझा जा सकता है। एक श्लोक में विदुरजी 4 ऐसे लोगों का जिक्र करते हैं, जिन्हें धन सौंपने पर सर्वनाश हो जाता है। आइए जानते हैं कौन हैं ये 4 और विदुरजी ने इनके बारे में क्या कहा है…
आलसी के हाथों में न सौंपें धन
महात्मा विदुर ने बताया है कि आलसी व्यक्ति के हाथों में धन सौंपने से सर्वनाश हो जाता है, क्योंकि आलसी किसी भी काम करने में टाल-मटोल करते हैं। कई बार कोशिश करते हैं कि उनका काम कोई और ही कर दे। ऐसे में यदि कोई और व्यक्ति उस काम को करता है तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वह लागत से अधिक पैसे खर्च करेगा। ऐसे में धन की हानि होती है।
अधम को भूले से भी न दें धन
अधम यानी कि बदमाश किस्म के व्यक्ति के हाथों में कभी भी अपना धन न दें। महात्मा विदुर कहते हैं कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को कभी भी अपना धन नहीं सौंपना चाहिए, जिसकी नीयत पर आपको जरा भी संदेह हो। ऐसा व्यक्ति आपके धन का दुरुपयोग करने के साथ ही आपको भी मुश्किल में डाल सकता है। बेहतर होगा कि आपको यदि धन देना है तो ऐसे किसी व्यक्ति को दें जिस पर आपको पूरा भरोसा हो।
दुर्जन को न सौंपे धन
धन कभी भी दुष्ट प्रवृति के व्यक्तियों का न दें। अन्यथा वह आपके धन का नाश तो करेंगे ही साथ ही जब आप अपना ही धन वापस मांगेंगे तो आपको वापस भी नहीं मिलेगा। इसीलिए महात्मा विदुर दुर्जन यानी कि दुष्ट को धन देने से मना करते हैं।
क्यों स्त्री को धन न देने को कहा ‘विदुर’ ने
महात्मा विदुर कहते हैं कि स्त्रियों का मन चंचल होता है। ऐसे में कई बार वह अति उत्साह में यह नहीं सोच पातीं कि धन कहां खर्च करना चाहिए और कहां नहीं? ऐसे में उनके हाथ से फिजूल खर्च होने की संभावनाएं बनीं रहती है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आप अपने घर की स्त्रियों को धन से वंचित रखें। बेहतर होगा कि धन देते वक्त उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि इसका प्रयोग वह सही मद में करें।
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